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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2657
आईएसबीएन :0

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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

अध्याय - 6

मेण्डलवाद का विस्तार, जीन्स तथा पर्यावरण

(Extension of Mendelism, Genes and Environment)

 

प्रश्न- मल्टीपिल ऐलीलिज्म पर एक निबन्ध लिखिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. बहुविकल्पी ऐलील या युग्मविकल्पी किसे कहते हैं?
2. बहुविकल्पी जीनों के लक्षणों को लिखिए।
3. क्या जीन के दो से अधिक एलील्स हो सकते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
4. ड्रोसोफिला में बहुविकल्पी ऐलील्स द्वारा निर्धारित किसी एक लक्षण की वंशागति का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

बहुविकल्पी ऐलील्स
(Multiple Alleles)

प्राणियों के विभिन्न लक्षण जीनों द्वारा निर्धारित होते हैं। आनुवंशिकी रूप से प्रत्येक जीव में सैकड़ों लक्षण होते हैं और इन्हीं के अनुरूप जीनों की संख्या भी सैकड़ों से हजारों तक होती है। लेकिन प्रकृति में केवल वे ही जीन ज्ञात हैं जो उत्परिवर्तन के फलस्वरूप एक वैकल्पिक अभिव्यक्ति प्रदर्शित करते हैं। मेण्डल ने सामान्य जीन या ऐसे जीन द्वारा नियन्त्रित लक्षण के वैकल्पिक रूप को ऐलील या युग्मविकल्पी (allele) का नाम दिया। अतः मटर के पौधे में लम्बेपन एवं बौनेपन के लक्षण एक-दूसरे के युग्मविकल्पी हैं। प्राणियों के प्रत्येक लक्षण के लिए युग्मकों (gametes) के माध्यम से एक जीन या युग्मविकल्पी माता से तथा दूसरा पिता से प्राप्त होता है। कभी-कभी जीन समष्टि (gene pool) में एक जीन के तीन अथवा अधिक उत्परिवर्ती अथवा विकल्पी होते हैं। इनको सामूहिक रूप से बहुविकल्पी (multiple alleles) कहते हैं।

अतः बहुविकल्पी तीन, चार अथवा अधिक युग्मविकल्पियों का वह सेंट है जो सामान्य जीन में उत्परिवर्तन के फलस्वरूप विकसित होते हैं और सजातीय गुणसूत्रों में उसी बिन्दुपथ पर स्थित रहते हैं।

बहुविकल्पी ऐलील्स के लक्षण (Characteristics of Multiple Alleles)- बहुविकल्पी ऐलील्स के निम्नलिखित लक्षण होते हैं-

1. ये ऐलील सजातीय गुणसूत्रों पर एक ही बिन्दुपथ पर स्थित होते हैं। स्पष्ट है कि एक गुणसूत्र पर युग्मविकल्पियों में से केवल एक ही विकल्पी स्थित होता है।
2. क्योंकि प्रत्येक द्विगुणित कोशिका (diploid cell) में एक प्रकार के केवल दो ही गुणसूत्र होते हैं, अतः कोशिका और जीव में बहुविकल्पियों के केवल कोई दो जीन या विकल्पी विद्यमान होते हैं।
3. युग्मक (gamete) अगुणित (haploid) होते हैं अर्थात इनमें प्रत्येक प्रकार का केवल एक गुणसूत्र (एक सजातीय गुणसूत्र) होता है, अतः प्रत्येक युग्मविकल्पियों में से केवल एक युग्मविकल्पी होता है।
4. बहुविकल्पियों में क्रॉसिंग ओवर की क्रिया नहीं होती।
5. बहुविकल्पी एक ही लक्षण को नियन्त्रित करते हैं किन्तु इनमें से प्रत्येक का प्रभाव अलग-अलग होता है।
6. एक ही श्रृंखला के बहुविकल्पी एक-दूसरे के प्रति प्रभावी एवं अप्रभावी होते हैं। प्रायः सामान्य जीन अन्य सभी उत्परिवर्ती विकल्पियों के प्रति प्रभावी होता है।
7. बहुविकल्पियों की पूरी श्रृंखला को एक ही मूल अक्षर द्वारा प्रदर्शित किया जाता है तथा इसके विभिन्न विकल्पियों को सुपरक्रिप्ट्स अथवा सबक्रिप्ट्स द्वारा निरूपित किया जाता है।

उदाहरण के लिए ड्रोसोफिला के नेत्र के लाल रंग को W से, रुधिर के समान रंग को Wol से, इओसिन रंग के नेत्रों को We से तथा श्वेत नेत्र को C द्वारा निरूपित करते हैं। जीवों की विभिन्न समष्टियों में युग्मविकल्पियों के अनेक उदाहरण मिलते हैं।

1. शशक में बहुविकल्पी (Multiple Alleles in Rabbit) - शशक में आवरण के रंग निम्नलिखित अनुक्रम में देखने को मिलते हैं -

जीन C (अगूटी full colour) अन्य सभी विकल्पियों पर प्रभावी है। चिंचिला (Cch) अगूटी को छोड़कर शेष दोनों (हिमालयन व एल्बिनो) पर प्रभावी है। हिमालयन Cch अगूटी व चिंचिला के लिए अप्रभावी है किन्तु एल्बिनो पर प्रभावी हैं। इनके संभावित फीनोटाइप (लक्षण प्ररूप) एवं जीनी संरचनायें निम्न प्रकार से हो सकते हैं - C> Ch> Ch > C

तालिका 1. शशकों में आवरण के वर्ण की अगूटी श्रृंखला

क्र.स. जीनोटाइप. फीनोटाइप लक्षण
1. CC or ++ Full colour or Agouti Dark brown and uniform colour
2.


CchCch

(i) Cchy

(ii) Ccha

(iii) Cchg

Chinchilla

Silvery gray, uniform colour Dark chinchilla Intermediate Light gray

3. Ch Himalayan White fur, pink eyes but feet, nose, ears and tail are brown or black
4. C Albino No pigment

समयुग्मजी अगूटी तथा एल्बिनो (शुद्ध श्वेत) शशकों में संकरण के फलस्वरूप F1 पीढ़ी मे अगूटी आवरण वाले शशक उत्पन्न हुए। F, पीढ़ी के शशकों में परस्पर संकरण के फलस्वरूप F2 पीढ़ी में अगूटी तथा एल्बिनो 3:1 के अनुपात में उत्पन्न होते हैं। अगूटी जीवों में से 2/3 विषमयुग्मजी होते हैं। इसी तरह चिंचिला (chinchilla) तथा अगूटी में संकरण से F पीढ़ी में केवल अगूटी जीव उत्पन्न होते हैं तथा F2 पीढ़ी में अगूटी व चिंचिला 3: 1 के अनुपात में होते हैं। अतः चिंचिला एवं अगूटी के जीन युग्मविकल्पी हैं तथा अगूटी चिंचिला पर प्रभावी है। चिंचिला एवं एल्बिनो में संकरण के फलस्वरूप F1पीढ़ी में सभी चिंचिला होते हैं जब F, पीढ़ी में चिंचिला एवं एल्बिनो में 31 का अनुपात होता है, अतः चिंचिला एवं एल्बिनो भी युग्मविकल्पी होते हैं तथा चिंचिला एल्बिनो पर प्रभावी है। इसी प्रकार हिमालयन (himalayan) भी अगूटी, चिंचिला या एल्बिनो का युग्मविकल्पी है। यह अगूटी एवं चिंचिला के लिए अप्रभावी है किन्तु एल्बिनो के लिए प्रभावी है। इस प्रकार हम देखते हैं कि शशकों में आवरण के रंग को निर्धारित करने वाले प्रभावी जीन C में उत्परिवर्तनों के फलस्वरूप बहुविकल्पियों की एक श्रृंखला उत्पन्न हो गयी है। अतः विसंयोजन एवं पुनःसंयोजन का सिद्धान्त श्रृंखला के किसी भी दो जीन्स के संकरण पर लागू होता है।

2. ड्रोसोफिला में बहुविकल्पता या बहुविकल्पी श्रृंखला (Multiple Allelic Series in Drosophila) -  पंखों का लक्षण (Wing Character) फलमक्खी ड्रोसोफिला में बहुविकल्पता के अनेक उदाहरण मिलते हैं। इनमें से एक पंखों की अपसामान्यता है। सामान्य मक्खी में सुविकलित पंख होते हैं जो मक्खी के उड़ने में सहायक होते हैं। यह लक्षण युग्मविकल्पी Vg के अधीन है। इनके अप्रभावी विकल्पों से समयुग्मजी अवस्था में लुप्तावेशी पंख बनते हैं जिससे मक्खी उड़ नहीं सकती। इसे vow द्वारा निरूपित करते हैं। एक अन्य विकल्पी vga के होने पर पंखों के स्थान पर खाँचदार तथा vgni होने पर कटान वाले पंख विकसित होते हैं। ये सभी फीनोटाइप समयुग्मजी जीनोटाइप से विकसित होते हैं लेकिन सामान्य जीन (Vg) श्रृंखला के अन्य सभी विकल्पियों पर प्रभावी है। इस श्रृंखला के फीनोटाइप एवं जीनोटाइप निम्नलिखित प्रकार से हैं-

(i) लम्बे पंख--------------------------------++0 vg+ vg+ (wild type)
(ii) लुप्तावेशी (Vestigial wings)----------vg vg
(iii) ठूंठ के समान (Antlered wings) -----vga vga
(iv) कटान वाले (Nicked wings)----------Vgni vgni
(v) खाँचदार (Notched wings)-------------Vgno vgno
(vi) पट के समान (Strapped wings)--------vgst vgst

सभी उत्परिवर्ती ऐलील लम्बे पंखों के लिए अप्रभावी हैं किन्तु सभी उत्परिवर्ती सहप्रभावी (codominant) होते हैं।

नेत्रों का वर्ण (Eye Colour) - ड्रोसोफिला में नेत्रों का रंग काले रंग के जीन के 12 युग्मविकल्पियों की एक श्रृंखला द्वारा निर्धारित होता है।

बहुविकल्पियों का संयोजन एवं पुनः संयोज
(Segregation and Recombination of Multiple Alleles)

एक सामान्य युग्मक में बहुविकल्पी श्रृंखला का केवल एक विकल्पी है, अतः दो विकल्पियों के पुन: संयोजन से बहुविकल्पी श्रृंखला के दो जीन साथ-साथ आ जाते हैं। किसी भी बहुविकल्पी श्रृंखला के दो विकल्पियों को क्रॉस कराने पर F2 पीढ़ी में समयुग्मजी प्रभावी, विषमयुग्मजी तथा समयुग्मजी अप्रभावी 1: 2:1 के अनुपात में होते हैं।

 

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शशक में आवरण के वर्ण की वंशागति

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कोशा कला की सूक्ष्म संरचना जानने के लिए सिंगर और निकोल्सन की तरल मोजैक विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- कोशिका सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? प्राणि कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए तथा पाँच कोशिका उपांगों के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- निम्नलिखित वैज्ञानिकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) एन्टोनी वान ल्यूवेन हॉक (ii) श्लीडेन तथा श्वान्स
  4. प्रश्न- अन्तरकोशिकीय संचार या कोशिका कोशिका अन्तर्क्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
  5. प्रश्न- कोशिका-एडहेसन का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) माइक्रोट्यूब्ल्स (ii) माइक्रोफिलामेन्टस (iii) इन्टरमीडिएट फिलामेन्ट
  7. प्रश्न- माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की संरचना तथा कार्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  9. प्रश्न- राइबोसोम की संरचना एवं कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- परऑक्सीसोम पर टिप्पणी लिखिए।
  11. प्रश्न- वेंकटरमन रामाकृष्णन पर टिप्पणी लिखिए।
  12. प्रश्न- बाह्य प्रोटीन और समाकल प्रोटीन कोशिका कला की पारगम्यता को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  13. प्रश्न- हरितलवक और माइटोकॉण्ड्रिया में मिलने वाले समान लक्षणों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- परॉक्सीसोम किन कोशिकांगों के साथ मिलकर प्रकाशीय श्वसन (फोटोरेस्पिरेशन) की क्रिया सम्पन्न करता है? प्रकाशीय श्वसन के जैविक कार्यों की समीक्षा प्रस्तुत कीजिए।
  15. प्रश्न- केन्द्रक की संरचना का चित्र सहित वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- उपयुक्त आरेखों के साथ गुणसूत्र आकारिकी व परासंरचना का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- “गुणसूत्रों की विशेष किस्में” विषय पर एक निबन्ध लिखिए।
  18. प्रश्न- न्यूक्लिक अम्ल क्या होते हैं? डी.एन.ए. की संरचना तथा प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- वाट्सन तथा क्रिक के द्वारा प्रस्तुत डी. एन. ए. की संरचना का वर्णन कीजिए तथा डी. एन. ए. के विभिन्न प्रकार बताइए।
  20. प्रश्न- राइबोन्यूक्लिक अम्लों की रचना का वर्णन कीजिए तथा इसके जैविक एवं जैव-रासायनिक महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- मेसेल्सन एवं स्टेहल के उस प्रयोग का वर्णन कीजिए जो अर्द्ध-संरक्षी डी. एन. ए. पुनरावृत्ति को प्रदर्शित करता है।
  22. प्रश्न- जेनेटिक कोड पर टिप्पणी लिखिए।
  23. प्रश्न- गुणसूत्रों की रचना एवं प्रकार का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- न्यूक्लिओसोम का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  26. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- सेण्ट्रोसोम की परिभाषा लिखिए।
  28. प्रश्न- क्रोमेटिन के प्रकारों को बताते हुए हेटेरोक्रोमेटिन को विस्तार से समझाइये।
  29. प्रश्न- किसी एक प्रायोगिक साक्ष्य द्वारा सिद्ध कीजिये कि डी.एन.ए. ही आनुवांशिक तत्व है।
  30. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- B गुणसूत्र का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- डी.एन.ए. और आर.एन.ए. में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  33. प्रश्न- RNA कौन-सा आनुवंशिक कार्य DNA की तरह पूरा करता है?
  34. प्रश्न- नीरेनबर्ग तथा एच.जी.खोराना के योगदान का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- क्या RNA का एक स्ट्रेण्ड दूसरा स्ट्रेण्ड संश्लेषित कर सकता है?
  36. प्रश्न- DNA की संरचना फॉस्फोरिक एसिड, पेन्टोज शर्करा तथा नत्रजन क्षार से होती है। इसके वस्तुतः आनुवंशिक तत्व कौन से हैं?
  37. प्रश्न- वाटसन एण्ड क्रिक पर टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- DNA की पुनरावृत्ति में सहायक एन्जाइमों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- कोशिका चक्र से आप क्या समझते हैं? इण्टरफेज में पायी जाने वाली कोशिका चक्र की विभिन्न प्रावस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- समसूत्री कोशिका विभाजन का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए तथा समसूत्री के महत्व पर एक टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन का सविस्तार वर्णन कीजिए तथा इसके महत्व का उल्लेख कीजिए।
  42. प्रश्न- समसूत्री तथा अर्धसूत्री विभाजन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- एक संकर संकरण क्या है? कम से कम दो उदाहरणों को बताइए।
  44. प्रश्न- स्वतन्त्र अपव्यूहन के नियम को समझाइए।
  45. प्रश्न- एक उपयुक्त उदाहरण देते हुए अपूर्ण प्रभाविकता पर एक टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- जन्तुओं में लिंग निर्धारण की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- मानव में लिंग निर्धारण कैसे होता है?
  48. प्रश्न- लिंग निर्धारण में प्राकृतिक कारकों के प्रभाव का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- वंशानुगत तथा आनुवंशिकी में अन्तर बताइए।
  50. प्रश्न- आनुवंशिकी का जनक किसको वस्तुतः कहा जाता है?
  51. प्रश्न- समप्रभाविता की वंशागति को समझाइए।
  52. प्रश्न- “समलक्षणी जीवों की जीनी संरचना भिन्न हो सकती है। यह कथन सही है अथवा गलत? क्यों?
  53. प्रश्न- ग्रीगर जॉन मेण्डल के योगदान को रेखांकित कीजिए।
  54. प्रश्न- कौन-सा कोशिका विभाजन गैमीट पैदा करता है?
  55. प्रश्न- स्यूडोडोमिनेंस पर टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस एवं बैक क्रॉस में अन्तर बताइए।
  57. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस तथा बैक क्रॉस को समझाइए।
  58. प्रश्न- मानव में बार बॉडी के महत्व को समझाइये।
  59. प्रश्न- लिंग प्रभावित वंशागति एवं लिंग सीमित वंशागति में अन्तर बताइए।
  60. प्रश्न- लिंग सहलग्न, लिंग प्रभावित और लिंग सीमाबद्धित लक्षणों के बीच सोदाहरण विभेदकीजिए।
  61. प्रश्न- मेरी एफ. लिओन की परिकल्पना समझाइए।
  62. प्रश्न- कारण स्पष्ट कीजिए कि नर मधुमक्खी में शुक्राणुओं का निर्माण समसूत्री विभाजन द्वारा क्यों होता है?
  63. प्रश्न- ZW टाइप लिंग निर्धारण पर टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- पक्षियों में लिंग निर्धारण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- स्तनधारी मादा की शुरूआती अवस्था में कौन-सा X क्रोमोसोम हेट्रोक्रोमेटाइज हो जाता है, माता का या पिता का?
  66. प्रश्न- मल्टीपिल ऐलीलिज्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  67. प्रश्न- Rh-तत्व क्या है? इसके महत्व एवं वंशागति का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- जीन की अन्योन्य क्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरणों की सहायता से जीन की अन्योन्य क्रिया की विधि का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- एक स्त्री का रक्त समूह 'AB' व उसके बच्चे का रक्त समूह '0' है। कारण सहित स्पष्ट कीजिए कि उस बच्चे के पिता का रक्त समूह क्या होगा?
  72. प्रश्न- एक Rh + स्त्री, Rh पुरुष से शादी करती है। इनकी संतति में एरेथ्रोब्लास्टोसिस की क्या सम्भावना है?
  73. प्रश्न- लैंडस्टीनर के योगदान का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- रक्त समूह को समझाइए।
  75. प्रश्न- जिनोम को परिभाषित कीजिए।
  76. प्रश्न- 'गृह व्यवस्थापक जीन' या 'रचनात्मक जीन' के बारे में बताइये।
  77. प्रश्न- प्रभावी तथा एपीस्टेटिक जीन में क्या अन्तर है?
  78. प्रश्न- लीथल जीन्स पर टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- पूरक जीन क्रिया को परिभाषित कीजिए।
  80. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- हेट्रोक्रोमेटिन और उसके लक्षण पर टिप्पणी लिखिए।
  82. प्रश्न- क्रासिंग ओवर उद्विकास की प्रक्रिया है। स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- लिंकेज ग्रुप पर टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- सामान्य मानव कैरियोटाइप का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- गुणसूत्रीय विपथन पर एक निबन्ध लिखिए।
  86. प्रश्न- असुगुणिता किसे कहते हैं? विभिन्न प्रकार की असुगुणिताओं का वर्णन कीजिए तथा इनकी उत्पत्ति के स्रोत बताइए।
  87. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति से आप क्या समझते हैं? मनुष्य या ड्रोसोफिला के सन्दर्भ में इस परिघटना का उदाहरणों सहित विवेचन कीजिए।
  88. प्रश्न- क्लाइनफिल्टर सिंड्रोम कार्यिकी अथवा गुणसूत्र के असामान्य स्थिति का परिणाम है। स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- मंगोलिज्म या डाउन सिन्ड्रोम क्या है?
  90. प्रश्न- टर्नर सिन्ड्रोम उत्पन्न होने के कारण एवं उनके लक्षण लिखिए।
  91. प्रश्न- समक्षार उत्परिवर्तन पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- अनुप्रस्थ विस्थापन पर टिप्पणी लिखिए।
  93. प्रश्न- पोजीशन एफेक्ट क्या है? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- लिंग सहलग्नता प्रक्रिया को समसूत्री नर व समसूत्री मादा में स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- वर्णान्ध व्यक्ति रेलवे ड्राइवर क्यों नहीं नियुक्त किये जाते हैं?
  96. प्रश्न- मानव वंशागति के अध्ययन में क्या मुख्य कठिनाइयाँ हैं?
  97. प्रश्न- संक्रामक जीनों से आप क्या समझते हैं?
  98. प्रश्न- वंशावली विश्लेषण पर टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति के प्रारूप का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोगजनक परजीवी की संरचना एवं जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- वुचरेरिया बैन्क्रोफ्टाई के वितरण, स्वभाव, आवास तथा जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- जिआर्डिया पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  103. प्रश्न- एण्टअमीबा हिस्टोलायटिका की संरचना, जीवन-चक्र, रोगजन्यता एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोग क्या है? यह कैसे होता है? इसके संचरण एवं रोगजनन को समझाइए। इस रोग के नियंत्रण के उपाय बताइए।
  105. प्रश्न- फाइलेरिया क्या है? इसके रोगजनकता एवं लक्षणों तथा निदान का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जिआर्डिया के प्रजनन एवं संक्रमित रोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- जिआर्डिया में प्रजनन पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- जिआर्डिया पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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